हिंदी की पहली कहानी : विचार एवं विस्तार
हिंदी साहित्य के इतिहास पर गौर करें तो पाएंगे कि हिंदी की प्रथम कहानी को लेकर असमंजस की स्थिति दिखाई देती है। काफी समय तक किशोरीलाल गोस्वामी की कहानी 'इंदुमती' को पहली कहानी माना जाता रहा, लेकिन बाद में यह ज्ञात होने पर कि वह शेक्सपियर के टेम्पेस्ट नाटक का अनुवाद प्रतीत होती है। तब छत्तीसगढ़ मित्र में प्रकाशित कहानी एक टोकरी भर मिट्टी को हिंदी की प्रथम कहानी का दर्जा।मिला। इसके अतिरिक्त भी कुछ कहानियों के नाम पहली कहानी के रूप में कुछ आलोचकों ने उल्लिखित किया है। उनमें से आचार्य रामचंद्र शुक्ल की कहानी ग्यारह वर्ष के समय को भी स्थान दिया गया है, जो 1903 में प्रकाशित हुई। लेकिन प्रथम कहानी के रूप में आज सर्वाधिक स्वीकृति जिस कहानी को मिली, आइए हम उसे पढ़ते हैं,... एक टोकरी-भर मिट्टी : माधवराव सप्रे किसी श्रीमान् जमींदार के महल के पास एक गरीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। जमींदार साहब को अपने महल का हाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई जमाने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र भी उसी झोंपड़ी में मर गया था। पतोहू