उत्साह एवं उमंग के पर्व होली का रंग

 बदलती जीवन पद्धतियों के बीच हमारे लोक पर्वों की धुन भी बदल सी गई है। या और स्पष्ट शब्दों में कहें तो लोग का रंग फीका सा पड़ता जा रहा है। आखिर इन लोक-रंगों के फीका पड़ने का कारण क्या है? आइए होली के रंगों के सहारे पुनः इन दुनिया को रंगने का कार्य करें, लोकरंग को जीवंत बनाए।

होली भारत के बड़े पर्वों में से एक है, जिसके रंग के छीटे सभी को अपने में रंग लेते हैं। यह एक ऐसा पर्व है जो अपनी सीमा का अतिक्रमण करके जाति, धर्म, स्थान से आगे निकल चुका है। वैसे तो यह मुख्यतः हिंदू संस्कृति से जुड़ा हुआ पर्व है, लेकिन आज होली के अवसर पर रंगों की बारिश हिंदू संस्कृति से इतर समुदाय के लोगों को भी समान रूप से प्रफुल्लित करती है। होली इसीलिए उल्लास और उमंग का पर्व है। यह आपसी वैमनस्य को दूर कर भाई-चारे और मिलन-पर्व के रूप में ख्यातिलब्ध है। हम सभी प्रकार की द्वेष को मिटाकर अपनी राग को इस अवसर पर रंग लगाकर प्रदर्शित करते हैं।

 सभी भारतीय पर्वों की आरंभ का अपना इतिहास है। जैसे दीपावली का पर्व चौदह वर्ष वनवास के पश्चात रावण को विजित कर राम के अपने जन्मभूमि अयोध्या वापस आने पर उनके स्वागत का पर्व है, उसी प्रकार होली का संबंध हिरण्यकशिपु और उसके पुत्र प्रहलाद की कथा से संबंधित है जिसमें होलिका प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में अपने भाई के आदेश से प्रवेश करती है; किंतु प्रहलाद को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची, जबकि होलिका जलकर नष्ट हो जाती है, तभी से हम प्रत्येक वर्ष होलिका का दहन करके उत्साहपूर्वक पर्व मानते हैं।


 इस प्रकार हम देखें कि प्रत्येक भारतीय पर्व के पीछे एक गाथा का जुड़ाव है। इसलिए भारतीय जनमानस आज भी इन गाथाओं से प्रेरित होते हुए पर्वों को हर्षोल्लास के साथ मनाता है। बदलते परिवेश में क्या हम अपने संबंधों की नीरसता को होली पर्व की इस रंग से एक बार फिर से रंगने की कोशिश नहीं कर सकते हैं? यह त्यौहार हमें अवसर देते हैं कि हम पुनः जीवन को रंगमय बनाकर नई शुरुआत करें और ऊंचाइयों को छुए। या महाकवि निराला के शब्दों में कहें तो “पुनः सबेरा, एक और फेरा हो जी का।” होली का रंग अपने आप में वह उल्लास और उमंग समेटे हुए हैं जो हमें “नेह का आह्वान फिर-फिर” करने को प्रेरित करता है। अगर हम इन रंगों को नित भरते रहे तो ‘दुनिया कभी तो रंग बदलेगी।’

योगेश मिश्र

(असिस्टेंट प्रोफेसर)

वी॰जी॰एम॰ दिबियापुर

संपर्क : 6394667552

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