हिंदी काव्य : बी ए हिंदी प्रथम सेमेस्टर NEP 2020
NEP 2020
हिंदी काव्य
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर
सत्र : 2023-24
Previous/ Old year question paper
B.A.-I (Sem-I) Examination, 2023-24
HINDI (Hindi Kavya)
Time: Two Hours]
[Maximum Marks: 75
निर्देशः 1. इस प्रश्न-पत्र में तीन खण्ड अ, ब एवं स हैं। सभी खण्डों से निर्देशानुसार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
2. अभ्यर्थी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखें। यदि किसी प्रश्न के कई भाग हों, तो उनके उत्तर एक ही तारतम्य में लिखे जाएँ।
(खण्ड-अ)
(लघुउत्तरीय प्रश्न)
निर्देशः सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए। सभी प्रश्नों के अंक समान हैं। इन प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में दीजिए। [3×9=27]
1.
(क) हिन्दी की विभिन्न उपभाषाओं से विकसित बोलियों का परिचय दीजिए।
(ख) 'आदिकाल' के विभिन्न नामों का वर्णन करते हुए इसके नामकरण की सार्थकता सिद्ध कीजिए।
(ग) रीतिकालीन साहित्य के प्रमुख भेदों पर प्रकाश डालिए।
(घ) द्विवेदीयुगीन कविता की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(ङ) छायावादी कवि 'चतुष्ट्य' का परिचय देते हुए उनकी प्रमुख काव्य-कृतियों का नामोल्लेख कीजिए।
(च) प्रयोगवादी कविता की विभिन्न प्रवृत्तियों का वर्णन कीजिए।
(छ) “खड़ी बोली में काव्य रचना करने वाले अमीर खुसरो प्रथम कवि हैं।" सिद्ध कीजिए।
(ज) 'मोचीराम' शीर्षक कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
(झ) 'गीत' विधा की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करते हुए गोपाल दास 'नीरज' के गीतों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
(खण्ड-ब)
(व्याख्यात्मक प्रश्न)
निर्देशः सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। निम्नलिखित की सप्रसंग व्याख्या कीजिए।
[6×4=24]
2.
देख-देख राधा रूप अपार।
अपरूब के बिहि आनि मेरा ओल, खिति तल लावनि सार।
अंगहि अंग अनंग मुरछाएत हेरए पड़ए अथीर।
मनमथ कोटि मथन करु जे जन से हेरि महि मधि गीर।
कत कत लखिमि चरन तल ने ओछए रंगनि हेरि बिभोरि। करु अभिलाख मनहि पद पंकज अहनिशि कोर अगोरि।।
अथवा
हँसिबा बेलिबा रहिबा रंग, काम क्रोध न करिबा-संग। हँसिबा षेलिबा गाइबा गीत, दिढ़ करि राखि अपना चीत। हँसिबा बेलिबा धरिबा ध्यानं, अहनिसि कथिबा ब्रह्म गियानं। हँसै खेलै न करै मन भंग, ते निहचल सदा नाथ कै संग। अहनिसि मन लै उनमन रहै, गम की छाँड़ि अगम की कहै। छाड़े आसा रहै निरास, कहै ब्रह्मा हूँ ताका दास।।
3.
आयौ घोष बड़ौ ब्योपारी।
लादि खेप गुन ज्ञान-जोग की, ब्रज में आय उतारी। काटक दै कै हाटक माँगत, भौरे निपट सुधारी। धुर ही ते खोटो खायौ है, लये फिरत सिर भारी। इनके कहै कौन डहकावै, ऐसो कौन अजानी। अपनो दूध छाँड़ि को पीवै, खारे कूप कौ पानी। ऊधौ जाहु सबार यहाँ ते, बेगि गहरु जनि लावौ। मुँह माँग्यौ पैहो सूरज प्रभु, साहुहि आनि दिखावौ।।
अथवा
माया दीपक नर पतंग, भ्रमि-भ्रमि इवै पड़ंत।
कहैं कबीर गुरु ग्यान ते, एक आध उबरंत ।।
यह तन जारौ मसि करूँ, लिखौं राम का नाउँ।
लेखणि करूँ करंक की, लिखि लिखि राम पठाउँ।।
4.
हौं रीझी लखि रीझिहौ, छबिहिं छबीले लाल।
सोनजुही सी होति दुति, मिलत मालती माल।।
बहके सब जिय की कहत, ठौरु कुठौरु लखै न।
छिन औरे छिन और से, ए छबि छाके नैन।।
अथवा
रोकहिं जौ तो अमंगल होय औ प्रेम नसै जो कहैं पिय जाइए।
जौ कहैं जाहु न तौ प्रभुता जौ कछू न कहैं तौ सनेह नसाइए।
जौ हरिचंद कहैं तुमरे बिनु जीहैं न तौ कहौ क्यों पतिआइए।
तासौ पयान समै तुम्हरे हम का कहैं आपु हमें समझाइए।।
इस करुणा कलित हृदय में, क्यों विकल रागिनी बजती।
5.
क्यों हाहाकार स्वरों में, वेदना असीम गरजती मानस सागर के तट पर, क्यों लोल लहर की बातें।
कल कल ध्वनि से हैं कहती, कुछ विस्मृत बीती बातें ।।
अथवा
जो यह सोचता कि पेशा एक जाति है और भाषा पर आदमी का नहीं, किसी जाति का अधिकार है।
जबकि असलियत यह है कि आग
सबको जलाती है, सच्चाई
सबसे होकर गुजरती है।
कुछ हैं जिन्हें शब्द मिल चुके हैं
कुछ हैं, जो अक्षरों के आगे अंधे हैं।
वे हर अन्याय को चुपचाप सहते हैं
और पेट की आग से डरते हैं
जबकि मैं जानता हूँ कि 'इंकार से भरी हुई एक चीख'
और 'एक समझदार चुप'
दोनों का मतलब एक है।
(खण्ड-स)
(दीर्घउत्तरीय प्रश्न)
निर्देशः निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर कम से कम 1000 शब्दों में दीजिए। [12×2=24]
6. भवानी प्रसाद मिश्र की कविता 'गीत फरोश' की विभिन्न विशेषताओं की सोदाहरण विवेचना कीजिए।
7.
“तुलसी का काव्य समन्वय की विराट चेष्टा है।” इस कथन के आधार पर सिद्ध कीजिए कि तुलसी एक समन्वयवादी कवि हैं।
8.
मलिक मुहम्मद जायसी कृत 'पद्मावत' के 'मान सरौदक खण्ड' के काव्यगत सौन्दर्य का वर्णन कीजिए।
9.
'निराला प्रगतिवाद के अग्रदूत हैं।' सिद्ध कीजिए।
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