साहित्य शास्त्र और हिंदी आलोचना : बी ए हिंदी पंचम सेमेस्टर प्रश्न पत्र

 B. A. (Fifth Semester)HINDI

Previous year question papers 

 (ΝΕΡ) ΕΧΑΜΙNATION, 2024-25

(साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना)

Time: Two Hours ]

[Maximum Marks : 75

नोट :

सभी खण्डों से निर्देशानुसार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

निर्देश :

अभ्यर्थी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखें। यदि किसी प्रश्न के कई भाग हों तो उनके उत्तर एक ही तारतम्य में लिखे जाएँ।

खण्ड-अ

(लघु उत्तरीय प्रश्न)

नोट : सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए :

(A) काव्य-प्रयोजन के विषय में आचार्य मम्मट के मत को स्पष्ट कीजिए।

(B) आचार्य विश्वनाथ ने काव्य की आत्मा किसे माना है ?

(C) काव्य-प्रयोजन के विषय में भारतीय तथा पाश्चात्य दृष्टियों का पार्थक्य बताइए।

(D) आचार्य भरतमुनि के रससूत्र का उल्लेख करते हुए इसकी संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।

(E) वाच्यार्थ, लक्ष्यार्थ तथा व्यंग्यार्थ का सोदाहरण विवेचन कीजिए।

(E) कविता में बिम्ब के महत्व पर प्रकाश डालिए।

G) नई समीक्षा के प्रमुख समीक्षकों की मान्यताओं पर बिंदुवार टिप्पणी कीजिए।

(H) कॉलरिज की कल्पना सम्बन्धित मान्यता का उल्लेख करते हुए कल्पना तथा फैंटेसी में अंतर बताइए।

(I) डॉ. नगेन्द्र की साहित्यिक मान्यताओं का बिंदुवार विवेचन कीजिए।

खण्ड-ब

(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

नोट : किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 300-350 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 15 अंक का है।

2. काव्यहेतु किसे कहते हैं ? प्रमुख आचार्यों की काव्यहेतु विषयक मान्यताओं का विवेचन कीजिए।

3. आचार्य भरतमुनि के रस सूत्र का उल्लेख करते हुए उसकी व्याख्याओं का विवेचन कीजिए।

4. रीति सिद्धांत किसे कहते हैं ? रीति और काव्य गुण के सम्बन्धों के आलोक में इस संप्रदाय का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।

5. निम्नलिखित में से किन्हीं दो विषयों पर सविस्तार टिप्पणियाँ कीजिए :

(क) काव्यात्मा

(ख) काव्य-दोष

(ग) रूपक

(घ) अभिनय व्यापार

(ङ) नायक के प्रकार

खण्ड-स

(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

नोट : किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 300-350 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 15 अंक का है।

6. विरेचन किसे कहते हैं ? अरस्तू की विरेचन सम्बन्धी मान्यताओं का साहित्यशास्त्रीय विश्लेषण कीजिए।

7. टी. एस. इलियट के निर्वैयक्तिकता सिद्धांत का विस्तृत विवेचन कीजिए।

8. आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की साहित्यिक एवं आलोचकीय मान्यताओं का विस्तृत विवरण दीजिए।

9. निम्नलिखित में से किन्हीं दो विषयों पर सविस्तार टिप्पणियाँ कीजिए :

(क) मुक्तिबोध और नई कविता

(ख) विखंडनवाद

(ग) मनोविश्लेषणवादी समीक्षा

(घ) डॉ. नामवर सिंह की आलोचकीय मान्यताएँ

(ङ) कलावाद

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